-: प्रधानाचार्या :-

प्रधानाचार्या - डॉ0 मुक्ता पाण्डेय
शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य का चारित्रिक, मानसिक विकास करते हुए उसे आत्मनिर्भर बनाना है। इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए श्री वल्लभ विद्यापीठ बालिका इण्टर कालेज की स्थापना की गयी। इस विद्यालय का वातावरण स्नेहपूर्ण एवं अनुशासित है। यहाँ की शिक्षिकाएँ अथक परिश्रम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए तत्पर है। नैतिक मूल्यों के विकास हेतु प्रार्थना स्थल, कक्षा-कक्ष, खेल के मैदान आदि सभी जगहों के क्रिया-कलापों को इस तरह संजोया सँवारा जाता है, जिससे बच्चों में अनुशासन, सहयोग, भाईचारा, देशप्रेम जैसे गुणों का विकास हो सके। बच्चों को निडर, स्वस्थ एवं सेवाभावी नागरिक बनाने के लिए खेलकूद, योगाभ्यास, मार्शल आर्ट, गाइड प्रशिक्षण जैसी गतिविधियों को पाठ्यचर्या कें अंग के रूप में शामिल किया गया है।

कक्षा-कक्ष के वातावरण को रोचक, प्रभावी एवं रटन्त प्रणाली से मुक्त बनाने के लिए शिक्षिकाएँ शिक्षण प्रक्रिया में चर्चा, संवाद, प्रयोग, प्रदर्शन जैसी विधियों को ज्यादा महत्व देती है।

बच्चों की अन्तनिर्हित क्षमताओं के विकास के लिए भी विद्यालय सजग एवं तत्पर है। इसके लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद, वाद-विवाद, भाषण, लेखन, कलात्मक प्रतियोगिता, प्रदर्शनी आदि का आयोजन भी समय-समय पर किया जाता है। जिससे छात्राओं में कल्पनाशीलता, तर्क, चिन्तन, अभिव्यक्ति एवं सृजन क्षमता का विकास हो तथा उनकी प्रतिभा का पोषण भी हो सके।

विभाग द्वारा छात्रहित में संचालित अनेकों छात्रवृत्ति योजनाओं नवाचारों, दिशा निर्देशों से भी छात्राओं को अवगत एवं लाभान्वित करने का प्रयास किया जाता है जिससे छात्राओं का अध्ययन बाधित न हो और वे सही मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए सफलता की नवीन ऊँचाइयों तक पहुँच सके।

आज वल्लभ विद्यापीठ विद्यालय अपनी उक्त कार्यशैली से पूर्ववर्ती एवं वर्तमान अध्यक्ष, प्रबन्धक, प्रधानाचार्या एवं शिक्षिकाओं की प्रेरणा से एवं छात्राओं की कड़ी मेहनत से शिक्षा हो या खेल, कला हो या विज्ञान सभी क्षेत्रों में जनपद, मण्डल, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियाँ हासिल करते हुए श्रेष्ठ विद्यालयों में अपनी पहचान बना चुका है।