-: प्रबन्धक :-

श्री संजय कुमार नागर (प्रबन्धक)
भारत की आध्यात्मिक राजधानी काशी में शुद्धाद्वैत भक्ति मार्ग के प्रवर्तक जगद्गुरू श्री वल्लभाचार्या जी के वंश में जन्मी आध्यात्मिक संदेश वाहिका नित्यलीलास्थ गोस्वामी श्री कृष्ण प्रिया ‘बेटी जी’ ने श्री वल्लभ विद्यापीठ बालिका इण्टर कालेज की स्थापना की।

विद्यालय की स्थापना के विषय में आपश्री का उद्देश्य दृढ़ था। बौद्धिक चेतना एवं आध्यात्मिक संरक्षण के साथ बालिकाओं को आधुनिक शिक्षा प्रदान की जाए। आपके गोलोकधाम प्रयाण करने के पश्चात् आपश्री की अनुजा नित्यलीलास्थ गो0 श्री शरद वल्लभा ‘बेटी जी’ ने अपने कुशल संचालन और चेतनामयी नेतृत्व स्थापना के उद्देश्य को व्यवहारिक स्वरूप प्रदान किया। वर्तमान में श्री वल्लभ वंशज श्रद्धेय गो. श्री कल्याण राय जी महराज श्री विद्यालय के अध्यक्ष पद को सुशोभित करते हुए अपने निष्ठावान स्नेहमयी संरक्षण एवं विकासशील सकारात्मक विचारधारा से विद्यालय को अपना अवलंबन प्रदान कर रहे है।

विद्यालय के पूर्व प्रवंधक स्व0 श्री भरत नारायण अग्रवाल, स्व0 कुम्भन दास नागर एवं अन्य महानुभावों ने अपने-अपने प्रबंधकीय कौशल से अपना अमूल्य समय देकर विद्यालय को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया।

प्रभु कृपा से विद्यालय को एक ऐसी विदुषी प्राप्त हुई, जिसने विद्यालय की स्थापना काल के कुछ समय पश्चात् से लेकर अपनी सेवानिवृत्ति तक एक प्रधानाचार्या के रूप में विद्यालय को हर क्षेत्र में अग्रसर किया। इसे उस मुकाम तक पहुंचाया जहां पर इसके संस्थापकों ने इसके होने की कल्पना की थी ऐसी स्व0 श्री इन्दु शाह गांधी जी की कार्यशैली एवं सामाजिक कर्तव्य के निर्वहन की भावना को हम शत-शत नमन करते है।

शिक्षा के क्षेत्र में वाराणसी जनपद में बालिका विद्यालय के रूप में हमारे विद्यालय को एक उच्च श्रेणी की मान्यता शासन द्वारा प्राप्त है, शिक्षा के साथ-साथ खेल एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में हमारे विद्यालय की छात्राओं ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करते हुए जनपद, मंडल, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर समय-समय पर काफी उपलब्धियां प्राप्त कर विद्यालय का गौरव बढ़ाया है। कोई भी संस्था तभी अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सकती है जब उसकी मानव संपदा वैचारिक एवं कर्म से ऊर्जावान हो और मैं अपने प्रबंधकीय अनुभव से आश्वस्त करता हूं कि वर्तमान में विद्यालय की प्रधानाचार्या के कुशल नेतृत्व क्षमता सकारात्मक कार्यशैली, मृदुल व्यवहार एवं विद्यालय में कार्यरत अध्यापिकाएं, लिपिक वर्ग एवं कर्मचारीगण के अथक प्रयासों से विद्यालय निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। इसका प्रमाण आपको इस वेबसाइट पर हमारी गतिविधियों का अवलोकन करके प्राप्त हो जाएगा।

हमारा विद्यालय एक परिवार की तरह संगठित हैं हम आध्यात्मिक चेतना के साथ-साथ पारंपरिक एवं नई आधुनिक तकनीकी की ऐसी शिक्षा बालिकाओं तक पहुंचाने में प्रयत्नशील है जो उन्हें सार्थक जीवन शैली के साथ स्वावलंबी एवं संस्कार युक्त कुशल नागरिक बनाने में समर्थ होगी।

’’हम विषय पढ़ाने में नहीं विषय समझाने में विश्वास रखते है’’ और यही हमारा सतत प्रयास होगा।

’’प्रभु कृपा सर्वोपरि है।"